उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे पर EOW ने दर्ज की FIR

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के उपनेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता हेमंत कटारे के खिलाफ आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी, और दस्तावेजी जालसाजी के आरोप में FIR दर्ज की है। यह मामला भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (ISBT) प्रोजेक्ट में नियमों के उल्लंघन कर प्लॉट आवंटन से जुड़ा है।

ये हैं आरोप

  • 2004 में भोपाल विकास प्राधिकरण (BDA) ने हाई स्पीड मोटर्स नामक कंपनी (हेमंत कटारे, उनके भाई योगेश, माँ मीरा और बहन रुचि की साझेदारी वाली) को बिना निविदा के प्लॉट आवंटित किया।
  • प्लॉट का उपयोग आवासीय से वाणिज्यिक बदला गया और कीमत मनमाने ढंग से तय की गई।
  • BDA के तत्कालीन अधिकारियों—सीईओ केपी राही और ओएसडी मनोज वर्मा—पर भी पद के दुरुपयोग का आरोप।
  • शिकायत और जांच
    2015 में भोपाल निवासी सी.आर. दत्ता ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके आधार पर ईओडब्ल्यू ने 10 साल की जांच के बाद FIR दर्ज की।
  • आरोप IPC की धारा 120B (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी), 468 (जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज इस्तेमाल) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज कराए गए हैं।

हेमंत कटारे ने आरोपों को नकारा

कटारे ने आरोपों को “झूठा और राजनीतिक बदला” बताया। उनका कहना है कि 2004 में वे छात्र थे और इस मामले में उनकी 70 वर्षीय विधवा माँ को भी फंसाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह FIR उनकी सरकार विरोधी आवाज़ को दबाने की कोशिश है और पहले भी उनके खिलाफ 6 झूठे केस दर्ज हो चुके हैं, जो अदालत ने खारिज किए थे।

बता दें यह मामला राज्य की राजनीतिक उठापटक और प्रशासनिक भ्रष्टाचार के जटिल समीकरणों को उजागर करता है। जहाँ ईओडब्ल्यू का दावा है कि उसने नियमों का पालन करते हुए कार्रवाई की है, वहीं विपक्ष इसे सत्ता के दुरुपयोग का उदाहरण बता रहा है। अब न्यायालय में इस मामले की सुनवाई ही अंतिम फैसला देगी।