चरित्र प्रमाण पत्र से खिलवाड़ करने वाले पुलिसकर्मी निलंबित

बैतूल। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में पुलिसकर्मियों द्वारा एक युवक के चरित्र प्रमाण पत्र पर “सीएम हेल्पलाइन पर आदतन शिकायतकर्ता” लिखने का विवाद सामने आया था। जिसके बाद दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। यह मामला आठनेर थाना क्षेत्र के निवासी रूपेश देशमुख से जुड़ा है, जिन्होंने नौकरी के लिए चरित्र प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु पुलिस को आवेदन किया था। लेकिन समय पर प्रमाण पत्र न मिलने पर उन्होंने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में शिकायत की, जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने प्रमाण पत्र पर लाल स्याही से आपत्तिजनक टिप्पणी लिख दी ।

बता दें कि रूपेश देशमुख, जो भोपाल स्थित वोल्वो आइसर कंपनी में कार्यरत हैं, ने 5 फरवरी को चरित्र प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था। लेकिन चरित्र प्रमाण पत्र नहीं मिलने और पुलिस द्वारा लंबित प्रक्रिया के कारण उन्होंने 6 फरवरी को मुख्यमंत्री हेल्पलाइन (CM Helpline) पर शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के बाद पुलिसकर्मियों ने नाराजगी में 6 फरवरी को जारी किए गए प्रमाण पत्र पर लाल स्याही से लिखा, “आवेदक सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने का आदी है”। यह टिप्पणी नियमों के खिलाफ थी, क्योंकि रूपेश ने पहले कभी हेल्पलाइन का उपयोग नहीं किया था ।

पुलिसकर्मी निलंबित

जब रूपेश ने प्रमाण पत्र पर यह टिप्पणी देखी, तो उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क किया। बैतूल के पुलिस अधीक्षक निश्चल एन. झरिया ने तत्काल जांच के बाद हेड कांस्टेबल बलराम सरयाम (चरित्र प्रमाण पत्र जारी करने वाले) और कांस्टेबल विप्लव मरासे (सीएम हेल्पलाइन प्रभारी) को निलंबित कर दिया।

नया प्रमाण पत्र जारी

रूपेश को एक नया चरित्र प्रमाण पत्र जारी किया गया, जिसमें कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं थी। एसपी झरिया ने स्पष्ट किया कि सरकारी दस्तावेजों में व्यक्तिगत टिप्पणियां करना अनुचित है और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी ।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

  • पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यह टिप्पणी प्रक्रियात्मक गड़बड़ी का उदाहरण है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए निगरानी बढ़ाई जाएगी ।
  • मामले की जांच के साथ-साथ यह पता लगाया जा रहा है कि क्या अन्य लोगों के साथ भी ऐसा हुआ है ।

पीड़ित की प्रतिक्रिया:

रूपेश ने बताया कि उन्हें नौकरी में प्रमाण पत्र जमा कराना था, लेकिन पुलिस की यह कार्रवाई उनके चरित्र पर प्रश्नचिह्न लगाने जैसी थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह उनकी पहली शिकायत थी, जिसके बाद उन्हें अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ा।