दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के एग्जिट पोल: BJP की ऐतिहासिक वापसी, AAP ने किए पूर्वानुमान खारिज

2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों के बाद जारी Exit Polls में बड़े राजनीतिक बदलाव के संकेत मिले हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 27 साल बाद दिल्ली में सत्ता में वापसी का अनुमान लगाया गया है, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) को नुकसान और कांग्रेस को मामूली प्रदर्शन की संभावना बताई जा रही है।

प्रमुख पूर्वानुमान और रुझान

  1. BJP की संभावित जीत:
    • पीपल्स पल्सचाणक्य स्ट्रैटेजीज, और P-Marq जैसे एजेंसियों के अनुसार, BJP 70 सदस्यीय विधानसभा में 35–60 सीटें जीत सकती है, जो बहुमत के लिए जरूरी 36 सीटों से अधिक है।
    • कुछ अपवादवी प्रेसाइड और माइंड ब्रिंक ने AAP को 44–52 और 44–49 सीटें दीं, जबकि BJP को 18–25 सीटों का अनुमान लगाया।
  2. AAP का जवाब:
    • AAP ने एग्जिट पोल को “भरोसेमंद नहीं” बताते हुए इतिहास में गलत अनुमानों का उदाहरण दिया। 2020 में एग्जिट पोल ने AAP की 62 सीटों को कम आंका था। पार्टी की प्रवक्ता रीना गुप्ता ने कहा, “AAP हमेशा एग्जिट पोल से बेहतर प्रदर्शन करती है।”
  3. कांग्रेस की मुश्किलें:
    • कांग्रेस को 0–3 सीटें मिलने का अनुमान है। 2015 से लगातार खराब प्रदर्शन कर रही पार्टी के उम्मीदवार सांदीप दीक्षित ने भी इसकी पुष्टि की।
  4. मतदान और मुद्दे:
    • शाम 5 बजे तक 57.7% मतदान दर्ज किया गया, जो पिछले चुनावों से कम है।
    • BJP ने मोदी सरकार के विकास एजेंडे और भ्रष्टाचार विरोध को प्रमुख मुद्दा बनाया, जबकि AAP ने बिजली-पानी की सब्सिडी और मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाओं का जोर दिया। यमुना प्रदूषण और लिकर घोटाले जैसे मुद्दों ने भी मतदाताओं को प्रभावित किया।
  5. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
    • AAP ने 2013 से दिल्ली पर कब्जा जमाया है (2015 में 67, 2020 में 62 सीटें)। हालांकि, एग्जिट पोल अक्सर AAP के प्रदर्शन को कम आंकते रहे हैं।

प्रतिक्रियाएं और विवाद

  • BJP के नेता परवेश वर्मा और रमेश बिधुरी ने अनुमानित जीत का श्रेय “मोदी लहर” और जनता के बदलाव की मांग को दिया।
  • AAP के सोमनाथ भारती ने एग्जिट पोल को “प्रबंधित सर्वे” बताया, जबकि BJP के विरेंद्र सचदेव ने कहा कि यह दिल्ली की “भ्रष्टाचार-मुक्त सरकार” की इच्छा को दर्शाता है।

अंतिम गिनती

चुनाव आयोग 8 फरवरी को आधिकारिक नतीजे घोषित करेगा। यदि BJP का अनुमान सही रहा, तो यह AAP के 10 साल के शासन का अंत और दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव होगा।